राष्ट्रकूट वंश

एलोरा गुफा नंबर 29 , महाराष्ट्र 

Stone रॉक कट 

8 th century A D  

शिव शांत , गंभीर मुद्रा में 

तीन पैनल दिखाए गए है।

पर्वत पर शिव के साथ दाहिने कोने में गणेश

पार्वती जी शिव जी के बाए और बैठी है।

पार्वती भयभीत होकर शिव के कंधे का सहारा के रही है।

शिव द्वारा बाएं पैर के अंगूठे से पर्वत नीचे दबा दिया।

शिव को जटा के साथ और पार्वती को बन बनाए हुए दिखाया है।

साथ में नीचे बौने (गण)दिखाए गए है 

ऋषियों और देवताओं को दर्शाया गया है।

शिव का वाहन नंदी दिखाया गया है।


     त्रिमूर्ति

एलिफेंटा,महाराष्ट्र 

(एलिफेंटा नाम पुर्तगालियों द्वारा यहाँ पर बने पत्थर के हाथी के कारण दिया गया था। )

9th century A D    

Stone

ऊंचाई 18 फीट, चौड़ाई 23 फीट है।

शिव के तीन चेहरो को बनाया गया है जिसे शिव के तीनों रूपों का घोतक माना गया है। यह जनन, रक्षा, संहार का प्रतीक है।

बाई तरफ शिव का भैरव रूप - रुद्र रूप,मुख पर मूछ, आक्रोश 

दाई तरफ उमा -नारी सुलभ रूप,मुख पर मुस्कान, करूणा के भाव।

मध्य शीश - शिव योगी रूप में ,शांत, ध्यानमग्न।

प्रत्येक सिर की ऊंचाई लगभग 6 फुट है।

एलिफेंटा   5-9 वी शताब्दी

मुंबई (गेटवे ऑफ इंडिया से 10 km दूर)

इन्हे धारापुरी भी कहा जाता है।

हाथी की मूर्ति जीजाबाई माता उद्यान में ।

चारो ओर से समुंद्र से घिरा हुआ है।

राष्ट्रकूट शासकों द्वारा निर्मित 

16 वी शताब्दी में पुर्तगालियों ने हानि पहुंचाई।

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