3. बोधिसत्व head

तकक्षिला 

गांधार शैली  2nd century A.D

Size - 27.5×20×15 cm

दाई तरफ झुका हुआ हैं।

भोहे धनुषाकार ,आंखे बदाम के आकर की।

गोल चिन घुंघराले बाल

मूर्ति पर ग्रीक प्रभाव।

Collection - राष्ट्रीय संग्रहालय , नई दिल्ली

गांधार में मूर्तिया गहरे भूरे रंग,सलेटी पत्थर की।

गांधार शैली

तक्षशिला गांधार की राजधानी थी (कला का प्रमुख केंद्र और व्यापार की महत्वपूर्ण मंडी )

सलेटी पत्थर की मूर्तियों का बहुतायत से निर्माण हुआ गांधार शैली के नमूने तक्षशिला ,पाकिस्तान के उत्तर पश्चिमी प्रांत,अफगानिस्तान के अनेक स्थानों से प्राप्त हुए हैं।

अधिकांश बुद्ध की मूर्तियां और बौद्ध धार्मिक ग्रंथों की कहानियों के दृश्यों को पत्थर पर उत्कीर्ण किया गया है।

बौद्ध धर्म की महायान संप्रदाय से संबंधित।

जातक कथाओं ,बुद्ध के पद चिन्हों ,बोधिसत्व, रिक्त आसन, छत्र आदि लक्षणों से बुद्ध की उपस्थिति सूचित की जाती थी।

बाद में बुद्ध और बोधिसत्वो की सुंदर प्रतिमा, ध्यान मुद्रा धर्मचक्र मुद्रा, वरद मुद्रा आदि में उत्कीर्ण की गई।

गांधार कला शैली में सौंदर्य और यथार्थ का सुंदर  मिश्रण देखने को मिलता है।

गांधार शैली के संयोजनो पर सांची का प्रभाव माना जाता है

गांधार में यूनानी , रोमन, भारतीय शैलियों का मिश्रण

विषय बौद्ध जबकि शैली यूनानी ।इसी शैली को गंधार शैली के नाम से पुकारा गया।

इसे ग्रिको बुद्धिस्ट,इंडो- ग्रीक, इंडो - हेलेनिस्टिक कला के नाम से भी पुकारा गया।

4 Seated Buddha from katra tila 



मथुरा ,  कुषाण काल

समय - 2- 6 शाताब्दी (3rd)

रैड सैंड स्टोन 

Collection - मथुरा संग्रहालय (सरकार  संग्रहालय )U.P

बुद्ध पद्मासन मुद्रा में, बोधिसत्वों के साथ।

ऊंचाई - 69 cm 

बुद्ध के दोनों तरफ दो मुकुट धारी बोधिसत्व ।

पद्मपाणी को हाथ में कमल और वज्र पाणी को हाथ में वज्र लिए दिखाया गया हैं।(इन्हे पहले के समय में इंद्र और ब्रह्मा माना गया है)

ऊपर दो गंधर्व उड़ते हुए दिखाए गए है।

हाथ अभय मुद्रा में।

पद्मासन में बुद्ध पैरो के तलवे ऊपर की तरफ।

हथेली पर चक्र

बाएं कंधे पर संघाटी।

बाल घुंघराले न होकर लहरदार ऊपर की तरफ बंधे हुए।

कंधे चौड़े, चेहरा गोल। सिंहासन सिंह का ,साथ ही 3 सिंहो को दर्शाया गया है।

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