कृष्णा रेड्डी 

जन्म 15 जुलाई 1925, चितूर जिले के नंदनूर गांव, आंध्रप्रदेश 

मृत्यु  22 अगस्त 2018 न्यूयॉर्क

प्रिंटमेकर, मूर्तिकार(इंटैग्लियो प्रिंटर और विस्कोसिटी प्रिंटिंग)

इन्हें इंटैग्लियो प्रिंटमेकिंग में मास्टर माना जाता था।

उन्होंने प्रिंट मेकिंग में एक नई तकनीक का विकास किया | 

जिसमें एक सिंगल प्रिंटिंग मैट्रिक्स में विस्कोसिटी द्वारा बहुरंगीय प्रिंट निकाले जा सकते थे। जिसको विस्कोसिटी प्रिंटिंग के नाम से जाना जाता है।

शांतिनिकेतन(कला भवन) से नंदलाल बोस के साथ कला शिक्षा ली (1941 से 1946)

1947- 1949 कला क्षेत्र फाउंडेशन के कला विभाग में हेड ऑफ डिपार्टमेंट रहे | 

मोंटेसरी टीचर्स ट्रेनिंग सेंटर मद्रास में अध्यापन किया ।

1949 में वह लंदन चले गए वहां पर वह यूनिवर्सिटी ऑफ लंदन के स्लेड स्कूल में मूर्तिकला अध्ययन (Sculpture Studies) किया यहां पर उन्हें हेनरी मूर ने भी शिक्षा ग्रहण की

1950 में  पेरिस गए ।

1965 के बाद वह एटेलियर 17 के सह निदेशक बनाये गए ।

विषय - फोटो रेखांकन व छापा तकनीक का मिला जुला प्रयोग 

चित्रों के विषय सार्वभौमिक होते थे - मछली, नदी, बादल, स्थल।

इनके अधिकतर प्रिंट अमूर्त थे जिसमें ग्रिडनुमा पैटर्न होता था।

Artwork - मसखरे, छपाक, रिफ्लेक्शन,वाटर लिली(1939),whirl pool(1963),flower, बटरफ्लाई, वाटर फार्म्स, क्लोन सिरीज, रिवर, प्रोस्ट्रोरेट, लहर, घुटनों के बल चलती अप्पू 

अध्यापन - मैरीलैंड इंस्टीट्यूट कॉलेज ऑफ आर्ट(USA) प्रैट इंस्टीट्यूट , रस्किन कॉलेज स्कूल ऑफ फाइन आर्ट एंड ड्रॉइंग, टेक्सास विश्वविद्यालय में अतिथि प्रोफेसर और लेक्चरर थे।



















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