जन्म - 1944 , होशियारपुर ( पंजाब)
गुरु - जगमोहन चोपड़ा, सोमनाथ होर
कला शिक्षा - Collage of Art , delhi (1962- 67
प्रिंट मेकिंग - स्लेड स्कूल , लंदन ( 1971 - 72
वापस भारत आकर कॉलेज ऑफ आर्ट में अध्यापन किया।
विषय - चित्र आकृति मूलक थे।कुछ चित्र उदासी , बेचैनी लिए मानवकृत्तिया थी।
स्त्री पुरुष की कामुकता तथा न्यूड चित्र बनाए।
1970 के अंत में नारी विषयक चित्र बनाए।
लिथोग्राफी, पत्थर पर रेखांकन कर या चित्र बनाकर इंक द्वारा कागज पर छपाई) के साथ ही इंटेगलियो में काम किया जिसमे जस्ता /जिंक शीट का प्रयोग किया ।
उन्होनें इस माध्यम में कार्ड बोर्ड कोलोग्राफ बनाये जिनमें विभिन्न वस्तुओं की सतह से टेक्सचर उठाकर उसे कलात्मक रूप दिया जाता है। कार्ड-बोर्ड कोलोग्राफ माध्यम के उनके प्रसिद्ध चित्र हैं’ सह अस्तित्व और जीवन एक क्रान्ति ।
लिथोग्राफ में इनमें आकृतियाँ समतल हैं। अण्डा तथा तैरता अस्तित्व उनके लिथोग्राफी के उदाहरण हैं।
अम्लांकन /एचिंग अतिरिक्त उन्होंने ड्राइ प्वाइंट, मिजोटिंट और एक्वाटिंट में भी काम किया है।
कला समूह - ग्रुप 8 की सबसे छोटी सदस्य
G - 8 = स्थापना 1968
संस्थापक - जगमोहन चोपड़ा
पुरुस्कार :
- 1973 ललित कला एकादमी द्वारा राष्ट्रीय पुरुस्कार
- 1975 राष्ट्रपति स्वर्ण पदक
- 1980 साहित्य कला परिषद् पुरुस्कार
- 1994 मिस्र अंतरराष्ट्रीय प्रिंट बिनाले पुरुस्कार
- 1995 शिल्पा सोसायटी पुरस्कार अखिल भारतीय ललित कला और शिल्प सोसायटी पुरस्कार
- 1995 इंटरनेशनल प्रिंट बिनाले पुरुस्कार
- 1996 आधारशिला पुरुस्कार (A group of journalist , artists and writers)
कनाडा और जापान की प्रिंट मेकिंग कार्यशालाओं में भाग लिया।
प्रदर्शनी - अमेरिका,ब्रिटेन,कोरिया, इटली में कला प्रदर्शनी में भाग लिया ।
कार्य संग्रहित :
- दी नेशनल गैलरी ऑफ मॉडर्न आर्ट ,न्यू दिल्ली
- ग्लेंनबरा आर्ट म्यूजियम ,जापान
- दी विक्टोरिया एंड अल्बर्ट म्यूजियम , लंदन
- दी पी. बॉडी म्यूजियम U.S.A
चित्र :