कंदरिया महादेव मंदिर(शिव मंदिर)
चंदेल वंश ,खजुराहो (मध्य प्रदेश)
10वीं शताब्दी (9-12 सदी)
चतुर्भुज नाम से भी जाना जाता है
निर्माण विद्याधर ने विजय के उपलक्ष में ।
1986 में यूनेस्को द्वारा विश्व विरासत स्थल की सूची में शामिल
1818 में फ्रकलिन ने खोज की थी।
पहले 85 मंदिर थे अब केवल 22- 23 है।
हिंदू, जैन, क्षैव , शाक्त धर्म से संबंधित
एलेकजेंडर कर्नीघम के अनुसार -सर्वाधिक मिथुनो की आकृति ।
Cymbal Player Sun Temple
गंग वंश, कोणार्क, उड़ीसा
13वी सदी
Stone
(जगनाथ पुरी से उतरी कोण पर समुंद्र किनारे ।
जगन्नाथ मंदिर को स्वेत शिवालय भी कहते है।)
सूर्य मंदिर के दरवाजे पर लगी मूर्ति नारी की मूर्ति।
स्वागत का प्रतीक।
पैर नृत्य मुद्रा में,हाथ,गले सर, पैर, ऊंगली पर आभूषण।
सूर्य को समर्पित
नरसिंह देव ने निर्माण करवाया।
कोणार्क का अर्थ - कोन +आर्क अर्थात सूर्य का कोना
सूर्य के सप्ताशवरथ के आकर का बनाया।
रथ के दोनो ओर 12- 12 पहिए।
रथ के पहिए समय के सूचक है।
Mother and Child
सोलंकी वंश, दिलवाड़ा,माउंट आबू सिरोही (राजस्थान)
सफेद संगमरमर से बना।
13 वि सदी
विमल शाह मंदिर में ये बना हुआ है।
यह मंदिर प्रथम जैन तीर्थंकर ऋषभ देव को समर्पित है।
इसमें जैन मातृ देवी (अंबिका) को दिखाया गया है।
दाए हाथ में एक टहनी h जिसमे 3 फल है।
बाई तरफ एक बच्चे को सहारा देते दिखाया गया है।
बाया पैर मुड़ा हुआ है उसके पास एक बच्चे खड़ा है।
शेर पर इन्हे बैठा हुआ दिखाया है।
गले में हार/माला ,सर पर मुकुट।
चेहरे पर शांति के भाव।
(यहां 5 मंदिरों का समूह है जिनमे सबसे महत्त्वपूर्ण लूणवसई ओर विमलशाही मंदिर है)
विमलशाहि,लूणवसही, पीत्तलहर, पार्श्वनाथ, महावीर स्वामी
अलाउद्दीन खिलजी द्वारा इन मंदिरों को कई बार नुकसान पहुंचाया गया ।
यहां जैन तीर्थंकरों, पंचकल्याण आदि के दृश्य पूर्ण अलंकरण पुष्प, पक्षी के साथ अंकित किया गया।